रामकुटी पुष्कर उन सभी लोगों के लिए एक अद्वितीय स्थान है जो शांति की तलाश में है। आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व के शहर पुष्कर में स्थित रामकुटी का दिव्य और शांतिपूर्ण माहौल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। पुष्कर झील से सिर्फ एक मील और प्रसिद्द ब्रह्मा मंदिर से 1.20 मील की दूरी पर स्थित रामकुटी में आपको बेहद कम कीमत में कमरे , नाश्ता के साथ-साथ निःशुल्क वाई-फाई की सुविधा भी मिलती है।
रामकुटी के स्थापना की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। पूज्य संत रणछोड़दास जी महाराज ने रामधन नामक आश्रम की स्थापना की थी। आश्रम के ठीक सामने हरिभाई नाथवानी और भागीरथभाई नाथवानी ने एक मकान का निर्माण कराया, जिसके बेसमेंट में गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज विश्राम और साधना किया करते थे. इस मकान का नाम था राम कुटी. गुरुदेव के देहांत के बाद मनुभाई माधवानी फाउंडेशन ने रामकुटी को खरीद लिया. इस फाउंडेशन की स्थापना मनुभाई माधवानी ने अपनी पत्नी ज्योतिबेन मनुभाई माधवानी की स्मृति में की थी। ज्योतिबेन फाउंडेशन ने घर का विस्तार कराया और उसे गुरुदेव के भक्तों के लिए संरक्षित कर दिया, जहाँ वो शांति से आध्यात्म की दुनिया में खो सकते थे. इसी परिसर में एक अतिथि गृह का निर्माण भी कराया गया, जहाँ गुरुदेव के भक्तों के साथ साथ पुष्कर की धार्मिक यात्रा पर आये अन्य यात्रियों के ठहरने के लिए उत्तम व्यवस्था की गई. रामकुटी पुष्कर के शांतिपूर्ण वातावरण ने इसे आध्यात्म के साथ जुड़ने और शांति की तलाश में आने वाले लोगों के लिए एक पसंदीदा स्थान बना दिया है।