पुष्कर, भगवान ब्रह्मा की पवित्र नगरी, हर साल अनगिनत सैलानी और तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बन जाती है। यहां ‘रामकुटी’ नामक गेस्ट हाउस द्वारा यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। शांतिपूर्ण वातावरण और सस्ती दरों के कारण यह गेस्ट हाउस यात्रियों के लिए बेहद आकर्षक केंद्र बन चुका है और ब्रह्मा मंदिर और पुष्कर झील के नजदीक होने के कारण रामकुटी तीर्थयात्रियों के बीच अत्यंत लोकप्रिय भी है।
यहां की व्यवस्थाएं और देखभाल ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन द्वारा की जाती है। रामकुटी में यात्रियों के लिए अलग-अलग सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जैसे कि आरामदायक कमरे, प्राइवेट बाथरूम, पार्किंग, और वाई-फाई। यहां की सेवाएं और उच्च गुणवत्ता की वजह से रामकुटी को बजट होटलों में श्रेणीबद्ध किया गया है।
पूज्य संत रणछोड़दास जी महाराज ने पुष्कर में रामधन आश्रम की स्थापना की। आश्रम के सामने हरिभाई नाथवानी और भागीरथ भाई नाथवानी ने रामकुटी नामक मकान का निर्माण किया। रामकुटी में गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज साधना किया करते थे। उनके देहांत के बाद यह ज्योतिबेन मनुभाई फाउंडेशन के पास चला गया। फाउंडेशन ने रामकुटी को विस्तारित किया और शांति और आध्यात्मिक दुनिया के लिए संरक्षित किया। एक अतिथि गृह बनाया गया जहाँ यात्री ठहर सकें और यहाँ की सर्विस प्रशंसा का केंद्र बन गई। रामकुटी पुष्कर एक ऐसा उत्कृष्ट विकल्प है, जो धार्मिक यात्रा और आध्यात्मिकता का द्वार है।
रामकुटी ने न केवल आध्यात्मिक रूप से यात्रियों को संतुष्ट किया है बल्कि हिन्दू धर्म और वास्तुकला की भी महत्वपूर्ण शिक्षा दी है। इसके अलावा, इसकी विशेषता ये है कि ये धार्मिक विरासत और संस्कृति से रूबरू होने का मौका प्रदान करती है। रामकुटी ने यह सिद्ध कर दिया है कि यह न केवल एक गेस्ट हाउस है, बल्कि यह पुष्कर की सांस्कृतिक यात्रा का आदर्श स्थल भी है। इस रूप में, रामकुटी ने पुष्कर की आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा दिया है और यात्रियों को एक शांतिपूर्ण और अध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया है।